परमात्मा के दर्शन कैसे हों ?
जो पुरुष परमात्मा ही सब कुछ हैं ऐसे भाव में स्थित होकर संपूर्ण जीवों की आत्मा के रूप में स्थित मुझ परमेश्वर को ही देखता है और संपूर्ण जीव मेरे द्वारा ही बनाये गए हैं तथा मैं ही सबकी आत्मा हूँ ऐसा मानता है उसके लिए मैं कभी अदृश्य नहीं होता एवं वह भक्त कभी मेरे लिए अदृश्य नहीं होता है |
सूची
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महालक्ष्मी पूजन विधि
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*दीपावली के दिन कैसे करें महालक्ष्मी का पूजन *
*दीवाली के दिन की विशेषता लक्ष्मी जी के पूजन से संबन्धित है | इस दिन हर घर,
परिवार, कार्यालय में लक्ष्मी...
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भीष्म पितामह द्वारा उल्लेखित कलियुग के दस महापाप
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मानव जाने अनजाने में अनेक पाप करता है, कलयुग का ऐसा प्रभाव है की मनुष्य
द्वारा कई पाप होने के बावजूद उसे मालूम ही नही होता की उसने कौन सा पाप किया
है। भीष...
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नारद जी की जन्म कथा
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*नारद **जन्म कथा*
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देवर्षि नारद पहले गन्धर्व थे। एक बार ब्रह्मा जी की सभा में सभी देवता और
गन्धर्व भगवन्नाम का संकीर्तन करन...
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देवर्षि नारद
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नारद मुनि हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्मा के सात मानस पुत्रों में से एक
है। उन्होने कठिन तपस्या से ब्रह्मर्षि पद प्राप्त किया है। वे भगवान विष्णु
के अन...
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बोध गया
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गया जी
गया बिहार के महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थानों में से एक है। यह शहर ख़ासकर हिन्दू
तीर्थयात्रियों के लिए काफ़ी मशहूर है। यहाँ का 'विष्णुपद मंदिर' पर्यटकों ...
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श्रीकृष्ण ने क्यों माना है ध्यान को जरुरी?
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श्रीकृष्ण ने क्यों माना है ध्यान को जरुरी?
भागवत में भगवान कृष्ण ने ध्यान यानी मेडिटेशन पर अपने गहरे विचार व्यक्त किए
हैं। वैसे इन दिनों ध्यान फैशन का व...