मुस्लिम और में एक ही भगवान को मानते हे। हिन्दू धर्म मे इतने सरे देवी देवताओ को क्यों ?
मेरे इस उत्तर का उद्देश्य किसी की धार्मिकता को ठेस पहुँचाना नहीं है यदि किसी को ऐसा लगे तो मुझे क्षमा करिएँगा |
मुस्लिम धर्म की बुनियाद मोहममद साहब और क्रिश्चन धर्म की बुनियाद जिसस क्राईस्ट हैं परन्तु दोनों ही ने अपने जीवन काल में कभी यह नहीं कहा की वे स्वयं खुदा या परमेश्वर हैं बल्कि सदा यही कहा है की वे खुदा के पैगम्बर हैं या परमेश्वर के पुत्र हैं इसका अर्थ यही हुआ की परमात्मा या खुदा कहीं और है |
परन्तु जब हम सनातन धर्म की बात करे तो यहाँ ऐसे विलक्षण विभूतियों ने जनम लिया जिन्होंने न सिर्फ स्वयं को परमात्मा कह कर संबोधित किया बल्कि हम आम मानवों के भी परमात्मा होने की संभावनाओ पर प्रकाश डाला
हमारे धर्म में ३३ करोड़ देवी देवताओं का विवरण आता है और इस सृष्टी में जितने भी छोटे बड़े पदार्थ हैं सभी को देवी अथवा देवता का दर्जा मिला है जिसमे की आपकी कल्पना
कल्पना कीजिये एक ऐसी कंपनी जिसमे ३३ करोड़ एम्प्लोयीस हैं तथा सब कंपनी के नियमों के तहत अपना अपना डिपार्टमेंट सम्हाल रहे हैं पर इन सब कर्मचारियों का भी जो बॉस है वह अपनी सारी जिम्मेदारियां इन कर्मचारियों के भरोसे छोड़ कर स्वयं पूर्ण रूप से मुक्त है | पर ये बॉस भी एक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं और वह है अपने भक्तों की जिम्मेदारी | यह डिपार्टमेंट उन्होंने स्वयं के लिए रख छोड़ा है क्यूंकि