श्री राम श्लोकी प्रश्नावली समाधान 03

श्री राम जय राम जय जय राम  
चौपाई :- उघरहिं अंत न होइ निबाहू। कालनेमि जिमि रावन राहू॥
सन्दर्भ :- यह चौपाई बाल काण्ड के आरम्भ में सत्संग वर्णन के प्रसंग में है ।
अर्थ :- (जो वेषधारी ठग हैं) एक न एक दिन उनका सत्य सामने आ ही जाता हैं, अंत तक उनका कपट नहीं निभता, जैसे कालनेमि, रावण और राहु का हाल हुआ। ।
समाधान :- इस कार्य में भलाई नहीं है। कार्य की सफलता में संदेह है। ।
श्री राम श्लोकी प्रश्नावली - गीता प्रसार

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